साइटिका का इलाज कैसे करे ?( sciatica ka ilaz kaise kare ?)

साइटिका या कमर से पैर में होने वाला दर्द बहुत तेज होने वाले दर्द में माना जाता है।ये दर्द कमर में डिस्क खिसक जाने से होता है। ये दर्द इतना ज़्यादा होता है कि पेशेंट को खड़ा होना भी मुश्किल हो जाता है । आज हम बताएँगे कि ये क्यूँ होता है और इसका इलाज कैसे सम्भव है ?

क्यूँ होता है साइटिका

साइटिका की बीमारी ज़्यादातर ऐसे लोगों में होता है जिनको या तो बार बार वजन उठाना होता है या ट्रैव्लिंग करना होता है । ऐसे में कमर में पाया जाने वाला डिस्क खिसक जाता है और पैर को जाने वाली नस को दबाने लगता है । इसकी वजह से ऐसा लगता है कि दर्द करेंट की तरह कमर से पैर में जा रहा है । पैर में झनझनाहट या सुन्नपन सा महसूस हो सकता है । कभी कभी ये दर्द एक झटके से बहुत भारी वजन उठा लेने से भी हो सकता है । बहुत से लोग जिम में कसरत करते वक्त भी ऐसा दर्द कर बैठते हैं ।

क्यूँ होती है डिस्क प्रोलेप्स

हमारे कमर में ३३ छोटी हड्डियाँ होती है । उनके बीच में गददिया होती है जिन्हें डिस्क कहा जाता है । इन्हें कई लोग छल्ला भी कहते है । इनका काम शोक अब्ज़ॉर्बर का होता है । कमर पर ज़ोर पड़ने से, ग़लत तरीक़े से कसरत करने या वजन उठा लेने से ये अपनी जगह से पीछे से खिसक जाती हैं और पीछे से पाँव में जा रही नस को दबाने लगती है । जो भी नस दबी होती है वो जहाँ सप्लाई करती है वही उसका दर्द होता है । पेशंट को जब हम ये समझने का प्रयास करते है तो वे ज़्यादातर कहते है कि डॉक्टर हमारे कमर में तो कोई दर्द ही नहीं है । ऐसा साइटिका में अक्सर होता है, पाँव में दर्द कमर से ज्यादा होता है । ये ज़रूरी नहीं की कमर में दर्द हो ।

जब आप अपने डॉक्टर के पास दिखाने जाते हैं तो वो आपको MRI कराने की सलाह देते है । MRI की रिपोर्ट देख कर ये बताया जा सकता है कि छल्ला कितना खिसका हुआ है ।

बिना सर्जरी साइटिका का इलाज

शुरुआत में डॉक्टर आपको रेस्ट की सलाह देते हैं । ऐसे में आप कुछ दिन घर पर आराम कर सकते है। आपको भारी वजन उठाने से बचना होता है । आप को आगे झुकना भी मना होता है । ऐसे समय travelling करना भी मना होता है । आपको डॉक्टर दवाए भी देते हैं जो १० से १५ दिन तक लेनी होती है । इन दवाओं में कुछ इंजेक्शन भी हो सकते हैं । साइटिका में १५ दिन से २० दिन तक दवा लेने से बहुत फ़र्क़ पड़ जाता है । उसके बाद आप अपने काम पर जा सकते है लेकिन कुछ सावधानियों के साथ जो हमने बतायी है ।

साइटिका का इलाज कसरत से

साइटिका में शुरू में बहुत अधिक कसरत नहीं कर सकते ऐसे में आपके physio आपको गर्म पानी की सिकायी, अल्ट्रसाउंड या टेंस लगाते है जिससे काफ़ी आराम मिलता है । २ से ३ week बाद कसरत स्टार्ट कर सकते है लेकिन ये डिसीजन डॉक्टर की सलाह पर ही लेना होता है । कसरत से ये प्रॉब्लम काफ़ी हद तक ठीक की जाती सकती है । ख़ासकर अगर ये शुरुआती स्टेज में हो तो ।

अगर साइटिका में कसरत भी काम ना करे तो?

साइटिका में अगर कसरत से फ़ायदा नहीं हो तो डॉक्टर आपको कमर में इंजेक्शन से इलाज करवाने की सलाह देते हैं । ये इंजेक्शन हॉस्पिटल में लगाया जाता है और इसके असर से दर्द को खतम किया जा सकता है, पर इसका असर कुछ महीनो तक ही रहता है।

दूरबीन द्वारा छल्ले का आपरेशन तब लिया जाता है जब दवा, कसरत और इंजेक्शन तीनो तरीक़ों से कोई फ़ायदा नहीं होता। इस आपरेशन में किसी भी प्रकार का बेड रेस्ट नहीं करना होता और आप सर्जरी वाले दिन ही घर जा सकते हैं । इसे एंडोस्कोपिक discectomy कहा जाता है । केमरे की सहायता से किया जाने की वजह से कोई चीरा भी नहीं लगाना होता । इसीलिए इसे कई लोग की होल सर्जरी भी कहते है ।

  • jointsguru

    Dr Naveen Sharma is senior consultant in Bone and Joint problems. He is expert in ligament problems and sports injuries. You can contact him on 829068810 for more Information.

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